सरकारी क्वार्टर में चल रहा लग्गा स्कूल

साहो: सरकारी स्कूलों में बेहतर शिक्षा व्यवस्था मुहैया करवाने के सरकार द्वारा बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं लेकिन राजकीय माध्यमिक पाठशाला लग्गा में ये दावे धराशाई हो रहे हैं क्योंकि इस स्कूल को खुले हुए 4 वर्ष हो चुके हैं लेकिन अभी तक इस स्कूल को अपना भवन तक नसीब नहीं हो पाया है। इसे राजनीतिक दुर्भाग्य कहें या फिर इस क्षेत्र के बच्चों के साथ शिक्षा व्यवस्था के नाम पर किया गया भद्दा मजाक।
इस स्कूल में शिक्षा ग्रहण करने रहे करीब 65 बच्चों को स्वास्थ्य विभाग के 2 कमरों वाले क्वार्टर में पढ़ाया जा रहा है। अध्यापकों की संख्या की बात करें तो उसके नाम पर भी सरकार ने महज खानापूर्ति कर रखी है। 65 बच्चों को शिक्षा देने के लिए सिर्फ एक ही अध्यापक तैनात है, जिसके जिम्मे शिक्षा के साथ-साथ स्कूल के बच्चों के दोपहर के भोजन की व्यवस्था करना भी है। देश के स्वच्छ भारत अभियान के तहत शौचालय निर्माण कार्य युद्धस्तर पर चला हुआ है लेकिन इस स्कूल को शौचालय की सुविधा तक नसीब नहीं है। ऐसे में यहां के बच्चों के साथ अध्यापक को भी खुले में शौच करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
यह स्कूल सर्दियों के स्कूलों की सूची में शुमार है लेकिन विडंबना यह है कि स्कूल की कुछ कक्षाएं स्कूल के बरामदे में चल रही हैं। किचन शैड की बात करें तो स्कूल को यह सुविधा भी अभी तक मुहैया नहीं हो पाई है। ऐसे में स्कूल प्रबंधन ने अस्थाई तौर पर इसकी व्यवस्था कर रखी है। कुल मिलाकर इस स्कूल में उन सब सुविधाओं की कमी है, जोकि एक सरकारी स्कूल में उपलब्ध होनी लाजिमी हैं।

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